पति पत्नी के रिश्ते से जुड़ी यह कहानियां….
दोस्तो रिश्तों में कमियां देखने से वो हमेशा खुद से दूर नज़र आयेंगे….अपने करीबी साथी या मित्र द्वारा की गई गलती को नजरअंदाज कर या कभी प्यार के उलाहने से उस कमी को सुधारने की दिशा देना रिश्तों को मजबूत कर देता है…
ऐसे ही एक बार..
पति पत्नी काफी दिनों के बाद आज साथ बैठकर चाय पी रहे थे क्योंकि आज उनकी शादी की 25वीं सालगिरह थी। पहले की तरह वह अब साथ में समय नहीं बिताते थे। एक दूसरे के पास वे कम ही बैठते थे। पता नहीं किन कारणों से उन दोनों के बीच की दूरी बढ़ती ही जा रही थी।
चाय पीते पीते पत्नी ने चुप्पी तोड़ते हुए कहा – मुझे आपसे बहुत कुछ कहना है, आपको बहुत कुछ बताना है लेकिन अब हमारे पास एक दूसरे के लिए समय ही नहीं है। मैंने इस बारे में बहुत सोचा है और मैंने इस सिचुएशन से निपटने का एक उपाय निकाला है, अगर आप राजी हो तो बताती हूं।
पति ने सिर हिलाकर हामी भरी।
पत्नी ने टेबल के ड्रॉअर से दो डायरी निकाली और बोली मैं यह दो डायरी लेकर आई हूं, एक आपके लिए और एक मेरे लिए। आज के बाद हम दोनों को एक दूसरे से जो भी शिकायत होगी वह हम अपनी अपनी डायरी में लिख कर रखेंगे! 1 साल बाद जब हमारी 26 वी एनिवर्सरी आएगी तब हम उसे खोलकर पढ़ेंगे। तब हमे एक दूसरों की उन चीजों या आदतों के बारे में पता चलेगा जो हमे नहीं पसंद है और हम उन्हें सुधार पाएंगे या कोई उपाय कर पाएंगे।
पति को भी पत्नी का आईडिया पसंद आया और उसी दिन से डायरी में लिखना शुरु हो गया। देखते ही देखते 1 वर्ष बीत गया और 26 वी एनिवर्सरी का दिन आ गया।
पति पत्नी दोनों ही डाइनिंग टेबल पर बैठकर चाय पी रहे थे और पास में दोनों की अपनी अपनी डायरी रखी हुई थी जो उन्होंने एक दूसरे के साथ बदल दी। चाय खत्म कर के पहले पति ने पत्नी की डायरी पढ़नी शुरू कि। उस डायरी में काफी सारी शिकायतें थी… जैसे कि आज होटल में ले जाने के लिए वादा किया था लेकिन फिर भी नहीं लेकर गए!
आज मेरे मायके से मेहमान आए थे उनके साथ पति ने अच्छे से बात नही की..!
कितने महीनों बाद आज मेरे लिए साड़ी लाई लेकिन पुराने डिजाइन की!
आज मेरे सीरियल देखने के समय पति ने चैनल बदल कर न्यूज चला दी!
आज गीला तौलिया सोफे पर छोड़ दिया!
ऐसी कई सारी शिकायतें थी… डायरी को पढ़ते-पढ़ते पति की आंखों में आंसू आ गए। पति को काफी अफसोस हुआ..वो अपनी पत्नी से बोला मुझे इन गलतियों के बारे में एहसास ही नहीं था !
लेकिन अब मैं तुमसे वादा करता हूं कि ऐसी गलतियां मैं अब फिर से नही दोहराऊंगा।
अब पत्नी ने पति की डायरी खोली। पत्नी ने डायरी के कई सारे पन्ने पलटे लेकिन वह पूरी तरह से खाली थी! कही पर भी एक शब्द भी नहीं लिखा था! पत्नी बोली : आपने तो डायरी में कुछ लिखा ही नहीं है। पति बोला : आखरी पन्ना देखो मैंने उसी पर लिखा है।
पन्ने पर लिखा था –
तुमने मेरे लिए और मेरे परिवार के लिए इतने सालों में जो त्याग किया है और हम सब को जितना प्यार दिया है उसके आगे मैं तुम्हारे खिलाफ इस डायरी में कुछ भी नहीं लिख सकता! और इससे भी जरूरी मुझे कभी तुम में कोई कमी देखने की इच्छा हुई ही नहीं ! ऐसा नहीं है कि तुम में कोई कमी नहीं है लेकिन तुम्हारे प्यार ,समर्पण और त्याग के आगे तुम्हारी कोई भी कमी बहुत छोटी है। मेरी अनगिनत गलतियों को नजरअंदाज करके तुमने इस कठिन जीवन में मेरा मेरे साए की तरह साथ दिया है और हमेशा मेरे साथ खड़ी रही। तुम ही बताओ कोई भी अपने ही साए में दोष निकाले तो निकाले कैसे? अब पत्नी की आंखें नम थी। पत्नी ने पति के हाथ से अपनी शिकायतों की डायरी ले ली और उसे जला दिया!
पति पत्नी का रिश्ता एक दूसरे पर विश्वास पर टिका होता है और उसी से वह मजबूत होता है। उम्र के एक दौर में पति-पत्नी को एक बात अच्छे से समझ लेनी चाहिए की एक दूसरे में गलतियां और कमियां निकालने के बजाय अगर यह याद रखा जाए कि दोनों ने रिश्ते को सम्भालने की खातिर एक दूसरे के लिए कितना त्याग किया है तो इससे उनका रिश्ता और भी ज्यादा मजबूत ही होगा |
दोस्तो, ऐसे ही एक बार एक औरत एक संत के पास गयी और बोली कि मेरा पति से अक्सर झगड़ा होता रेहता है मैं क्या करूं…
संत ने सब सुना और बिना कुछ बोले अपनी पत्नी को आवाज लगाई और उसे टॉर्च on करके लाने के लिए कहा….
संत की पत्नी टॉर्च को on करके ले कर आयी और उन्हें पकड़ा कर चली गई…
वो औरत यह सब देख रही थी और मन ही मन सोच रही थी कि इतनी दोपहर में संत ने टॉर्च क्यों मंगवाई…
संत ने फिर से पत्नी को आवाज लगाई और खाने के लिए कुछ मीठा लाने को कहा…
इस बार पत्नी मीठा लाने की बजाय नमकीन दे कर चली गई..
वो औरत सोचने लगी कि किस तरह का मुर्ख परिवार है …एक दिन में torch on करता है और दूसरा मीठे की जगह नमकीन दे कर जाता है..
ऐसा देख वो उठकर जब जाने लगी तो संत ने पूछा आपको अपने प्रश्न का उत्तर मिल गया..आप और कुछ तो नहीं पूछना चाहते…
औरत ने कहा… कैसा उत्तर ? मुझे कुछ समझ नहीं आया …
संत ने कहा जब मैंने on की हुई torch मंगवाई तो मेरी पत्नी कह सकती थी कि तुम pagal हो जो इतनी धूप में torch मंगवा रहे हो…
पर उसने सोचा कि शायद मुझे उसकी जरूरत है इसलिए बिना कुछ बोले वो ले आयी….
और जब वो मीठे की जगह नमकीन ले आई तो मैंने भी यह सोच कर की घर मे शायद मीठा खत्म होगा..कुछ नहीं कहा…
इस तरह हम दोनों एक दूसरे पर विश्वास कर बहस करने से बचे….
संत ने आगे कहा परिवार में संतुलन विश्वास की नींव पर बनाया जाता है …जब पति कोई गलती करे तो पत्नी सम्भाल ले और कहीं पत्नी से कोई खता हो जाये तो पति उसे नजरअंदाज कर दे..यही गृहस्थ जीवन को सुखी बनाने का एक मात्र सफल तरीका है….
दोस्तो
हम घर पर क्यों लड़ते हैं? कारण है अहंकार और परस्पर विश्वास की कमी l
पति-पत्नी एक-दूसरे के पूरक हैं। अगर कोई एक गलती करे तो दूसरे को समझदारी से काम लेना चाहिए, शांत रह कर समस्या को गुस्से से नहीं बल्कि प्यार से सुलझाने की कोशिश करनी चाहिए। गृहस्थ जीवन में किसी की कमी पर कम ध्यान और एक दूसरे पर विश्वास को अधिक महत्व दिया जाना चाहिए.